भूमि पूजन के लिए उपयुक्त दिशा कौन-कौन सी हैं?

 

भूमि पूजन के लिए उपयुक्त दिशा कौन-कौन सी हैं?


वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि पूजन के लिए उपयुक्त दिशा पूर्वोत्तर है। पूर्व दिशा को सूर्य का प्रतीक माना जाता है, जो ज्ञान, प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है। उत्तर दिशा को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है, जो स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है। पूर्वोत्तर दिशा इन दोनों दिशाओं का संयोजन है, इसलिए इसे भूमि पूजन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।


भूमि पूजन के दौरान, पुजारी पूर्वोत्तर दिशा में बैठता है और भूमि के मालिक को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठने के लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह से बैठने से पूजा के दौरान अधिक सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है।


हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, अन्य दिशाओं में भी भूमि पूजन किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि निर्माण स्थल पूर्वोत्तर दिशा में नहीं है, तो भूमि पूजन उस दिशा में किया जा सकता है जहां निर्माण शुरू किया जाना है।

भूमि पूजन के लिए उपयुक्त दिशा का चयन करते समय, निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:


निर्माण स्थल की स्थिति

भूमि के मालिक की कुंडली

स्थानीय मान्यताएं

यदि आप भूमि पूजन के लिए उपयुक्त दिशा के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो किसी अनुभवी वास्तु शास्त्री से सलाह लेनी चाहिए।

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