वास्तुशास्त्र के अनुसार भूमि का चयन

  वास्तुशास्त्र के अनुसार भूमि का चयन करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:


• भूखंड का आकार

वास्तुशास्त्र के अनुसार, आयताकार, वृताकार या गोमुखी आकार का भूखंड शुभ माना जाता है। वर्गाकार भूखंड भी शुभ होता है, लेकिन आयताकार भूखंड सबसे अच्छा होता है। भूखंड का अनुपात 1:2 या 1:3 होना चाहिए।

• भूखंड की स्थिति

भूखंड का उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा में होना शुभ माना जाता है। इन दिशाओं में सूर्य का प्रकाश और ताजी हवा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। यदि भूखंड दक्षिण या पश्चिम दिशा में है, तो उसे ठीक करने के लिए कुछ वास्तु उपाय किए जा सकते हैं।

• भूखंड की ऊंचाई

भूखंड का थोड़ा ऊंचा होना शुभ माना जाता है। इससे पानी का निकास आसान होता है और बाढ़ का खतरा कम होता है।

• भूखंड का वातावरण

भूखंड का वातावरण स्वच्छ और शांत होना चाहिए। यदि भूखंड के आसपास कोई खतरनाक स्थान, जैसे कि कब्रिस्तान या अस्पताल, है, तो उसे खरीदने से बचना चाहिए।

• भूखंड की मिट्टी

भूखंड की मिट्टी उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए। इससे पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने में मदद मिलती है और घर की नींव मजबूत होती है।

• भूखंड पर पेड़-पौधे

भूखंड पर फलदार पेड़, जैसे कि आम, अमरूद, और नीम, शुभ माने जाते हैं। ये पेड़ घर में धन और समृद्धि लाते हैं। यदि भूखंड पर कांटेदार पेड़ हैं, तो उन्हें हटा देना चाहिए।

• भूखंड का भूमि परीक्षण

भूखंड का भूमि परीक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इससे यह पता चलता है कि भूमि में कोई खतरा तो नहीं है। भूमि परीक्षण करने के लिए किसी अनुभवी वास्तुविद से सलाह लेना चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार भूमि का चयन करने से आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
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